आपका स्वागत है हमारी वेबसाइट hindistorytales.com पर। आज मैं आपको Surya Bhagwan Ki kahani सुनाने जा रही हूं। अगर आपको यह कहानी पसंद आए तो कमेंट बॉक्स में ‘सूर्य भगवान की जय’ अवश्य लिखिए। अब सुनिए यह कहानी।
किसी गांव में एक ब्राह्मण अपनी पत्नी तथा बेटे के साथ रहता था। ब्राह्मण का बेटा रोज सुबह उठता, नहाता धोता और अपनी मां से रोटी मांगता था। एक दिन उसकी मां ने कहा, ‘बेटा, तुम कोई नित्य नियम रख लो। लोग तो सुबह-सुबह नहा-धोकर मंदिर जाते हैं, पूजा-पाठ करते हैं, फिर खाना खाते हैं। लेकिन तुम तो सुबह उठते ही खाना खा लेते हो।’
मां की बात सुनकर ब्राह्मण का बेटा सुबह उठकर नहा-धोकर सूर्य भगवान के दर्शन करके खाने का नियम बनाता। इसी तरह समय बीतता जाता। एक दिन सूर्य भगवान ने सोचा, ‘मैं ब्राह्मण के पुत्र की परीक्षा लेकर देखता हूं कि वह मेरे दर्शन सच्चे मन से करता है या नहीं।’
एक दिन सूर्य भगवान ब्राह्मण पुत्र की परीक्षा लेने के लिए प्रकट नहीं होते। ब्राह्मण पुत्र भूखा उनके दर्शन के लिए बाहर निकल जाता है। चलते-चलते ब्राह्मण पुत्र इधर-उधर घूमने लगता, लेकिन सूर्य भगवान के दर्शन नहीं होते। उधर उसी जंगल में कुछ चोर अपना चोरी किया हुआ माल बांटने के लिए जमा होते हैं।
सूर्य भगवान ब्राह्मण पुत्र की भक्ति देखकर बहुत प्रसन्न होते हैं और सोचते हैं कि यह ब्राह्मण पुत्र तो मेरा सच्चा भक्त है। इसे भूखे-प्यासे पूरा दिन हो गया, फिर भी इसने हार नहीं मानी और मेरे दर्शन के लिए व्याकुल है। फिर सूर्य भगवान ने भूखे-प्यासे ब्राह्मण पुत्र को दर्शन दिए। सूर्य भगवान को देखकर ब्राह्मण पुत्र बहुत खुश हो गया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा।
उधर चोर आपस में बात कर रहे थे। ब्राह्मण पुत्र की आवाज सुनकर चोरों को लगा कि उसने उन्हें धन बांटते हुए देख लिया है। फिर वे चोर ब्राह्मण पुत्र के पास आते हैं और पूछते हैं, ‘तुमने क्या देखा?’ और धमकी देते हैं कि यह बात किसी को मत बताना। वे उसे भी धन दे देते हैं।
धन लेकर ब्राह्मण पुत्र अपने घर वापस आ गया और अपनी मां से कहा, ‘दरवाजा खोलो मां।’ मां ने पूछा, ‘बेटा, पूरे दिन कहां थे? अब तुम कोई नियम मत रखो।’ बेटे ने कहा, ‘मां, पहले दरवाजा तो खोलो। मुझ पर भगवान सूर्य देव प्रसन्न हुए हैं और उन्होंने मुझे दर्शन दिए हैं।’ मां ने दरवाजा खोल दिया। अंदर आकर ब्राह्मण पुत्र ने कहा, ‘देखो मां, सूर्य देव की कृपा से मैं कितना सारा धन लेकर आया हूं और सूर्य देव ने मुझे दर्शन भी दिए।’
मां धन देखकर बहुत खुश हुई। मां-बेटे दोनों ही बहुत खुश होते हैं और दोनों नियमपूर्वक सूर्य देव की पूजा-पाठ करने लगते हैं। सूर्य देव की कृपा से ब्राह्मण का परिवार बहुत सुखी रहने लगता है।
सूर्य देव, जैसे आपने ब्राह्मण पुत्र पर अपनी कृपा की, वैसे ही अपने सभी भक्तों पर सदैव अपनी कृपा बनाए रखना। जय हो सूर्य भगवान! Do not forget to share it with others