Essay On Pollution in Hindi (प्रदूषण पर निबंध)

प्रदूषण पर सबसे अच्छा निबंध कैसे लिखें, (Essay On Pollution in Hindi) चलिए आपको बताते हैं। इसके लिए सबसे पहले रूपरेखा तैयार करेंगे। रूपरेखा में प्रस्तावना, प्रदूषण का अर्थ, प्रदूषण के कारण, प्रकार, दुष्परिणाम, प्रदूषण कम करने के उपाय यानी प्रदूषण का नियंत्रण और उपसंहार शामिल होंगे।

Essay On Pollution in Hindi (प्रदूषण पर निबंध)

प्रस्तावना
आज के समय में प्रदूषण एक वैश्विक समस्या बन चुका है। इसने हमारे पृथ्वी को पूर्ण रूप से बदल कर रख दिया है और दिन प्रतिदिन पर्यावरण को हानि पहुंचा रहा है। कई तरह के जीव और प्रजातियां प्रदूषण के इन्हीं हानिकारक प्रभावों के कारण धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही हैं। बचपन में जब हम गर्मियों की छुट्टियों में अपने दादी-नानी के घर जाते थे, तो हर जगह हरियाली ही हरियाली होती थी। हरे-भरे बगीचों में खेलना और चिड़ियों की चहचहाहट सुनना बहुत अच्छा लगता था। प्रदूषण के कारण अब वैसा दृश्य कहीं दिखाई नहीं देता है। आजकल के बच्चों के लिए ऐसे दृश्य केवल किताबों तक ही सीमित रह गए हैं।

प्रदूषण का अर्थ
प्राकृतिक संतुलन में दोष पैदा होना ही प्रदूषण है। विषैले तत्वों या प्रदूषकों के वातावरण में मिलने को प्रदूषण कहा जाता है। दूसरे शब्दों में, जब हवा, पानी, मिट्टी आदि दूषित हो जाते हैं और इसका प्रतिकूल प्रभाव मनुष्य, पशु, पक्षी, पेड़-पौधों आदि के स्वास्थ्य पर पड़ता है, तो उसे ही हम प्रदूषण कहते हैं। प्रदूषण मानव जीवन में जहर के समान है, जो हमें मौत के नजदीक लाकर खड़ा कर देता है।

प्रदूषण के कारण
प्रदूषण के कुछ बड़े कारण हैं:

1 वनों की कटाई
2 कम वृक्षारोपण
3 बढ़ती जनसंख्या
4 औद्योगिकरण और उद्योग धंधे
5 प्रकृति के साथ छेड़छाड़
6 कारखाने, वाहन और मशीनों का अधिक उपयोग
7 कीटनाशकों का बढ़ता उपयोग

प्रदूषण के प्रकार
प्रदूषण कई प्रकार का होता है, जिनमें से कुछ प्रमुख प्रकार हैं:

1 जल प्रदूषण: घरों से निकलने वाला दूषित पानी, कारखानों का कूड़ा-कचरा और अपशिष्ट पदार्थ नदियों में छोड़ा जाता है। उर्वरक और कीटनाशकों के उपयोग से जल प्रदूषण होता है, जिससे डायरिया, पीलिया, टाइफाइड, हैजा आदि खतरनाक बीमारियां होती हैं।

2 वायु प्रदूषण: कारखानों की चिमनियों और वाहनों से निकलते हुए कार्बन मोनोऑक्साइड, ग्रीनहाउस गैसेस जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, क्लोरोफ्लोरोकार्बन आदि वायुमंडल को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे दम, खसरा, डिप्थीरिया, इनफ्लुएंजा आदि रोग होते हैं।

3 ध्वनि प्रदूषण: मशीनों और ऑटोमोबाइल से निकलती तेज आवाज हमारे स्वास्थ्य पर बड़ा असर डालती है। इससे पागलपन, चिड़चिड़ापन, बेचैनी, बहरापन आदि समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

4 मृदा प्रदूषण: खेती में अत्यधिक उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग से मृदा प्रदूषण होता है। मृदा प्रदूषण से मनुष्यों और अन्य जीव-जंतुओं के स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव पड़ता है।

प्रदूषण के दुष्परिणाम
प्रदूषण के कारण मानव के स्वस्थ जीवन को खतरा पैदा हो गया है। गंदे जल के कारण कई बीमारियां फसलों में चली जाती हैं, जो मनुष्यों के शरीर में पहुंचकर घातक बीमारियां पैदा करती हैं। वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन से पृथ्वी का तापमान बढ़ता है, जिससे जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में भयावह परिवर्तन होते हैं। विकिरण के स्तर में वृद्धि से त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसी प्रकार से अन्य बहुत सारे खतरे प्रदूषण से होते हैं।

प्रदूषण कम करने के उपाय
जब हम प्रदूषण के कारणों और प्रभावों को जान चुके हैं, तब हमें इसे रोकने के प्रयास करने होंगे। कुछ प्रमुख उपाय हैं:

1 लोगों को प्रदूषण के प्रभावों का ज्ञान देना।
2 वनों की कटाई को रोकना।
3 जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना।
4 कीटनाशकों और उर्वरकों का सीमित उपयोग करना।
5 अपने आसपास की जगह को साफ-सुथरा रखना।
6 रेडियोएक्टिव पदार्थों के उपयोग को लेकर कठोर नियम बनाना।
7 कारखानों की चिमनियों को ऊंचा बनाना।
8 उद्योगों की स्थापना शहरों और गांवों से दूर करना।
9 कूड़ा-करकट और गोबर को दूर गड्ढे में डालकर ढक देना।

उपसंहार
बढ़ता प्रदूषण आज सम्पूर्ण विश्व का सिरदर्द बन चुका है। प्रदूषण के कारण चीजें दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही हैं। प्रदूषण से प्राकृतिक संतुलन बिगड़ता है और यह मानव जीवन के लिए भी खतरे की घंटी है। प्रदूषण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल पर्यावरण दिवस, जल दिवस, ओजोन दिवस, पृथ्वी दिवस, जैव विविधता दिवस आदि मनाए जाते हैं। हमें प्रदूषण को दूर करने की शपथ लेनी चाहिए। इसी के साथ आप सभी को धन्यवाद।

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