आप सबका स्वागत है। आज का हमारा हिंदी निबंध का विषय है दशहरा (Essay On Dussehra in Hindi), जिसे हम विजयादशमी भी कहते हैं। सबसे पहले संकेत बिंदु देख लेते हैं:
1 प्रस्तावना
2 विजयादशमी मनाने का कारण
3 दशहरा पर्व का महत्व
4 विजयादशमी की तैयारियां
5 विजयादशमी का संदेश
6 दशहरे की धूम
7 उपसंहार
1 प्रस्तावना :- भारत विविधताओं का देश है, जहां पर अनेक त्योहारों को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। सत्य की जीत, बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाए जाने वाला दशहरा पर्व हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। विजयादशमी का त्योहार हमारा गौरवपूर्ण त्योहार है। साफ-सुथरे व मनमोहक वातावरण में दशहरा पर्व जीवन में आनंद और उत्साह की लहर लेकर आता है।
2 विजयादशमी मनाने का कारण:- अब जानते हैं कि विजयादशमी का पर्व क्यों मनाया जाता है। विजयादशमी का पर्व मनाने के कई कारण बताए जाते हैं, लेकिन मुख्य कारण यह है कि इस दिन भगवान श्री राम ने लंका पर विजय प्राप्त की थी और रावण के अत्याचारों से ऋषि-मुनियों व प्रजाजनों को आजाद किया था। एक मान्यता के अनुसार पांडवों का अज्ञातवास भी इसी दिन पूरा हुआ था और अर्जुन ने शमी वृक्ष पर रखे अपने गांडीव धनुष को फिर से उठाकर दुर्योधन की सेना को हराया था।
3 दशहरा पर्व का महत्व:
चतुर्मास के चार महीनों में शादी-विवाह या अन्य कार्य नहीं किए जाते हैं, लेकिन दशहरे के दिन या विजयादशमी को बहुत ही शुभ माना जाता है। इसीलिए इस दिन सारे पवित्र कार्य जैसे कि विवाह आदि किए जा सकते हैं। इस दिन घरों, दुकानों एवं कार्यालयों के दरवाजे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। नए कार्य की शुरुआत करना बहुत ही शुभ माना जाता है। कई लोग विजयादशमी के दिन अपने औजारों और मशीनों एवं कारखानों में भी पूजा करते हैं। कुछ लोग अपना नया व्यवसाय या नया उद्योग धंधा इस दिन शुरू करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो भी कार्य शुरू किया जाता है, वह सफल होता है। व्यापारी अपनी दुकानों और व्यापार से संबंधित चीजों की इस दिन पूजा करते हैं। नए कार्यों का शुभारंभ नवरात्रि से भी किया जाता है। किसानों के जीवन में विजयादशमी का पर्व नया रंग भर देता है क्योंकि इस वक्त नई फसल पैदा होती है और अच्छी फसल से उनके घरों के भंडार भरे रहते हैं, जिससे किसानों का मन अति प्रसन्न रहता है। विजयादशमी के बाद किसान अपनी रबी की फसल की तैयारी भी करते हैं।
4 विजयादशमी की तैयारियां:-
विजयादशमी शरद ऋतु का पौराणिक पर्व है, इसलिए इसका अपना एक विशेष महत्व है। विजयादशमी से पहले नौ दिन नवरात्रि उत्सव मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि शक्ति रूपा माता दुर्गा ने लगातार नौ रात और 10 दिन तक युद्ध कर महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था, इसलिए इन दिनों शक्ति पूजा की जाती है। अश्विन मास की प्रतिपदा से मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना शुरू हो जाती है। माता दुर्गा को शक्ति स्वरूपा माना जाता है, जो लोगों के हर कष्ट को मिटाकर उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। और दसवें दिन विजयादशमी का त्योहार मनाया जाता है। हिंदू धर्म में पवित्र दिनों में मांस-मदिरा, लहसुन, प्याज आदि का प्रयोग नहीं किया जाता है।
5 विजयादशमी का संदेश:-
विजयादशमी न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को यह संदेश देता है कि कितनी भी बड़ी और शक्तिशाली बुराई क्यों न हो, वह अच्छाई और सत्यता के सामने कभी नहीं टिक सकती। यह पर्व हमें अपने अंदर की बुराइयों जैसे काम, क्रोध, लोभ, मोह, झूठ पर विजय पाने की प्रेरणा देता है।
6 दशहरे की धूम:-
विजयादशमी हिंदुओं का प्रमुख पर्व है। इसे पूरे भारत में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन सरकारी अवकाश घोषित किया जाता है। बंगाल की दुर्गा पूजा की तो बात ही अलग है। बंगाल की दुर्गा पूजा विश्व प्रसिद्ध है। बंगाली लोग इन दिनों मां दुर्गा की आराधना में लीन रहते हैं। उनके लिए यह त्योहार बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसी तरह गुजरात में इन दिनों गरबा की धूम रहती है, तो राजस्थान में खूब डांडिया खेला जाता है। भारत में कुल्लू और मैसूर का दशहरा बहुत प्रसिद्ध है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से वहां पहुंचते हैं। नवरात्रि के दिनों में जगह-जगह पर अनेक मेलों व रामलीलाओं का आयोजन किया जाता है। बच्चे, बूढ़े, नौजवान व महिलाएं हर कोई रामलीला देखने को बड़ा ही उत्साहित रहता है। रामलीला देखने के लिए लोग दूर-दूर से रामलीला मैदानों में पहुंचते हैं। पूरे नौ दिनों तक भगवान राम के जीवन के हर पहलू को रामलीला में दिखाया जाता है। दसवें दिन रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के बड़े पुतले बनाकर उनको जलाया जाता है और साथ में आतिशबाजी भी की जाती है। विश्व के अनेक देशों में दशहरा मनाया जाता है, जैसे बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका आदि। विदेशों में रहने वाले भारतीय भी इन दिनों मां दुर्गा की पूजा-अराधना करते हैं और दशहरा पर्व को बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
7 उपसंहार:-
यह दिन आपसी भेदभाव को भुलाकर सामाजिक एकता को बढ़ाने, राग-द्वेष को भुलाकर गले मिलने, आपस में भाईचारे को बढ़ाने और अपने रिश्तों को और मजबूत करने का है। यह पर्व हम सब लोगों को एकता के अटूट बंधन में बांधता है। दशहरे का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। वाकई में विजयादशमी का पर्व विजय का ही पर्व है। इस पर्व से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हम अपने जीवन के उतार-चढ़ाव व कठिन परिस्थितियों में धैर्य व साहस के साथ आगे बढ़कर ही जीत हासिल कर सकते हैं तथा धर्म व न्याय से ही मानवता की रक्षा कर सकते हैं।