Diwali Essay in Hindi (दिवाली पर निबंध)

Diwali Essay in Hindi (दिवाली पर निबंध) दीवाली हिंदुओं का सबसे लोकप्रिय त्योहार है, जिसे बहुत ही उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार अनेकों खुशियां लेकर आता है। लोग अपने परिवार, दोस्तों और प्रियजनों को बधाई तथा उपहार देते हैं। दीवाली के दिन शाम को मोमबत्तियों और लाइटों से घरों को सजाया जाता है। इस दिन शाम को पटाखे छोड़े जाते हैं और साथ ही लक्ष्मी माता की पूजा भी की जाती है।

Diwali Essay in Hindi (दिवाली पर निबंध)

दीपावली का अर्थ:

दीप का अर्थ होता है दीपक और आवली का अर्थ होता है श्रंखला या पंक्ति। आप कह सकते हैं कि दीपों की श्रंखला या दीपों की पंक्ति। दीपावली का अर्थ है दीपों की पंक्तियां, क्योंकि इस दिन लोग अपने घरों में दीपों की लाइने लगाकर खुशियां मनाते हैं।

दिवाली मनाने का समय:

दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार अक्टूबर या नवंबर महीने में मनाया जाता है। इस कारण यह सभी के मन को आलोकित करता है। इस त्यौहार के आने से सभी घरों में रौनक उत्पन्न हो जाती है।

दीवाली मनाने का कारण:

हिंदुओं के अनुसार, दीवाली के दिन भगवान राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता, लक्ष्मण और भक्त हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे। उस दिन पूरे अयोध्या को दीपों से सजाया गया था। तब से लेकर आज तक इसे दीपों का त्योहार मनाया जाता है।

दीपावली त्योहार की तैयारी:

दीपावली की तैयारियां कई दिन पहले से ही आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और सजावट प्रारंभ हो जाती है। नए कपड़े बनवाए जाते हैं, क्योंकि मान्यता है कि साफ-सुथरे घरों में दीवाली के दिन मां लक्ष्मी विराजमान होती हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं। दीवाली के नजदीक आते ही लोग अपने घरों को दीपक और तरह-तरह की सजावट से सजाना शुरू कर देते हैं।

दीपावली का वर्णन:

यह दीपावली का त्योहार पांच दिनों तक चलने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। दीपावली से पहले धनतेरस का त्योहार आता है। इस दिन बाजारों में भीड़ उमड़ पड़ती है। धनतेरस के दिन बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है और प्रत्येक परिवार अपनी आवश्यकता अनुसार कुछ न कुछ खरीदारी करता है। इस दिन घर के द्वार पर एक दीपक जलाया जाता है।

इसके अगले दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली होती है। इस दिन यम पूजा हेतु दीपक जलाए जाते हैं और उसके अगले दिन दीपावली मनाई जाती है। इस दिन घरों में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। बाजारों में फल, मिठाइयां, खिलौने, लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां और पटाखों की दुकानें सजी रहती हैं। दीपावली की रात लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है। लोग अपने घरों के बाहर दीपक और मोमबत्तियां जलाते हैं और चारों ओर प्रकाश फैल जाता है। रंग-बिरंगी बिजली के बल्ब से बाजार सजते हैं। बच्चे तरह-तरह के पटाखों और आतिशबाजी का आनंद लेते हैं। दीपावली से अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है, जिसमें लोग अपने गाय-बैलों को सजाते हैं और गोबर का पर्वत बनाकर पूजा करते हैं। अगले दिन भाई दूज का पर्व होता है, जिसमें बहन अपने भाई के मस्तक पर तिलक लगाकर उसके मंगल की कामना करती है।

अपने अंदर के अंधकार को मिटाना :

दीपावली में अपने अंदर के अंधकार को मिटाकर समुचित वातावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने का त्योहार है। दीपावली का त्योहार हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। यह त्योहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्योहार के कारण लोगों में सामाजिक एकता बढ़ती है। हिंदी साहित्यकार गोपाल दास नीरज ने कहा है:

“जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अंधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।”

इसी के साथ आप सभी लोगों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं। धन्यवाद

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