ईश्वर पर विश्वास की कहानी । Bhagwan Par Vishwas Ki Kahani

ईश्वर पर विश्वास की कहानी । Bhagwan Par Vishwas Ki Kahani

“नमस्कार दोस्तों, आपका मेरे ब्लॉग hindistorytales.com में स्वागत है। आज मैं आपको भगवान पर विश्वास की एक बहुत ही रोचक कहानी सुनाने जा रहा हूँ। अगर आपको यह ईश्वर पर विश्वास की कहानी पसंद आए, तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताइए। अब कहानी शुरू होती है।

किसी गाँव में एक पति-पत्नी रहते थे, जो बहुत गरीब थे। उनके पास कभी-कभी खाने को भी कुछ नहीं बचता था। पति का नाम सूरज और पत्नी का नाम सरोज था। सूरज भगवान पर बहुत विश्वास रखता था और पूजा-पाठ किया करता था, लेकिन उसकी पत्नी को भगवान पर विश्वास नहीं था। उनके घर पर खाने को कुछ भी नहीं था, तो उसकी पत्नी कहती थी, “तुम इतना पूजा-पाठ करते हो, लेकिन भगवान ने तुम्हें खाने को भी कुछ नहीं दिया। इसलिए तुम्हें काम पर जाना चाहिए। अब तो लगता है भूख से ही मर जाना होगा। तुम्हें काम से बहुत कम मिलता है, फिर भी हम सोचते हैं कि भगवान हमारी बात सुन लेंगे। मगर अब तो ऐसा लगता है कि कुछ भी नहीं होगा।”

सूरज उसकी बातें सुनता रहता और कहता, “तुम्हें कुछ भी नहीं कहना चाहिए। भगवान सभी की मदद करते हैं।” तब सरोज कहती, “तुम हमेशा यही बातें कहते हो। वह मदद हमें नजर आएगी ?, यह भी तो देखो।” इसके बाद सूरज कुछ नहीं कहता और चुपचाप अपने काम पर चला जाता। वह सोचता कि हर रोज कुछ न कुछ होगा।

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एक दिन, सूरज भूखा था और उसके पास खाने को कुछ नहीं था। वह अपने काम पर जा रहा था, तभी रास्ते में फल बेचने वाला मिला। फल बेचने वाले ने कहा, “भाई, फल ले लो।” सूरज ने कहा, “मेरे पास पैसे नहीं हैं, इसलिए नहीं ले सकता।” फल वाला बोला, “कोई बात नहीं, जब पैसे होंगे तब दे देना।” सूरज आगे बढ़ गया।

रास्ते में सूरज को एक मंदिर दिखाई दिया। उसने देखा कि मंदिर में प्रसाद बांटा जा रहा है। वह मंदिर में गया और वहां से दाल और चावल ले लिया। लेकिन उसने सोचा कि घर पर मेरी पत्नी होगी, तो उसने अपनी पत्नी के लिए भी प्रसाद ले लिया। सूरज प्रसाद लेकर अपने घर आया और पत्नी से कहा, “भगवान ने हमें खाना दे दिया।

सरोज ने कहा, “यह प्रसाद है। तुम्हें हर रोज प्रसाद नहीं मिल सकता।” इसके बाद सूरज अपने काम पर चला गया। रास्ते में उसे एक साधु बाबा मिले। सूरज ने उन्हें प्रणाम किया। साधु बाबा ने कहा, “बेटा, तुम सब कुछ प्राप्त करोगे।” यह सुनकर सूरज ने कहा, “साधु बाबा, आप मुझे बताएं कि मेरी समस्या कब दूर होगी।” साधु बाबा ने कहा, “आज ही सब कुछ ठीक हो जाएगा।” सूरज ने सोचा, “अगर ऐसा हुआ, तो बहुत अच्छा होगा।” साधु बाबा आशीर्वाद देकर वहां से चले गए।

सूरज अपने घर लौट रहा था, तभी रास्ते में उसे एक पोटली मिली। उसने सोचा, “यह किसकी होगी?” उसने इधर-उधर देखा, लेकिन कोई दिखाई नहीं दिया। जब उसने पोटली खोली, तो उसमें बहुत सारा सोना-चांदी था। सूरज ने सोचा, “भगवान ने मेरी मदद की और मेरी समस्या दूर कर दी।” उसने इधर-उधर देखा, लेकिन कोई भी पोटली लेने नहीं आया। जब बहुत देर तक कोई नहीं आया, तो सूरज पोटली लेकर अपने घर चला गया और अपनी पत्नी को वह पोटली दिखाई। पोटली में बहुत सारा सोना-चांदी देखकर सरोज खुश हो गई। अब भगवान की कृपा से सूरज और सरोज के दिन बदल गए और सरोज भी भगवान पर विश्वास करने लगी। दोनों पति-पत्नी मिलकर रोज भगवान की पूजा करने लगे।

जय हो भगवान जी। धन्यवाद!”

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