आज हम “जल ही जीवन है” (Jal Hi Jeevan Hai Essay in Hindi) पर निबंध पढ़ेंगे। सभी जानते हैं कि जल का हमारे जीवन में कितना महत्व है। चलिए, शुरू करते हैं।
प्रस्तावना:
पृथ्वी पर जल प्रकृति का एक अनमोल उपहार है। मनुष्य के शरीर में लगभग दो तिहाई पानी होता है, जिससे स्पष्ट होता है कि जल का हमारे जीवन में कितना महत्व है। धरती पर रहने वाले हर प्राणी को पानी की जरूरत होती है। इसके अलावा, पेड़-पौधों को भी पानी की जरूरत होती है। सही कहा गया है कि सृष्टि की रचना जल, वायु, पृथ्वी, अग्नि और आकाश इन पांच तत्वों से मिलकर हुई है। हमारे जीवन में जल का महत्वपूर्ण स्थान है। संसार में जो भी जीव-जंतु, पशु, पेड़-पौधे रहते हैं, सभी के लिए जल अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जल प्रदूषण के प्रकार:
रासायनिक जल प्रदूषण: यह तब होता है जब फैक्ट्रियों और उद्योगों से निकलने वाला रसायनिक पानी नदियों और तालाबों में मिला दिया जाता है, जिससे जल प्रदूषित हो जाता है।
जैविक जल प्रदूषण: यह तब होता है जब जल में जैविक पदार्थ, जैसे कि मलमूत्र, शामिल हो जाते हैं।
जल प्रदूषण के कारण:
जल प्रदूषण का सीधा संबंध जल की आवश्यकता से अधिक उपयोग से है। प्रदूषित जल को फैक्ट्रियों से निकलने वाले गंदे पानी और विषैली गैसों के कारण भी जल प्रदूषण बढ़ रहा है। इसके अलावा, घरों से निकलने वाला पानी और विषैली गैसें भी इसका एक महत्वपूर्ण कारण हैं।
जल प्रदूषण से होने वाली बीमारियां:
जल प्रदूषण से कई खतरनाक बीमारियां फैल रही हैं, जैसे कि चर्म रोग, पेट रोग, उल्टी-दस्त, और बुखार। गर्मी और बरसात के मौसम में इन बीमारियों का फैलाव अधिक होता है।
जल प्रदूषण को रोकने के उपाय:
जल का कम से कम प्रयोग करें। सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें। प्लास्टिक की वस्तुओं का प्रयोग न करें। अधिक पेड़ लगाएं। घरेलू और औद्योगिक गंदे पानी का उपचार करें।
जल संरक्षण के उपाय:
वाटर हार्वेस्टिंग को अपनाएं। गांव और घरों में पानी का संग्रह करें। नल और पाइपलाइन से पानी का रिसाव रोकें। फलों और सब्जियों को धोने के लिए एक बर्तन का प्रयोग करें। ऐसे पेड़-पौधे लगाएं जो कम पानी की आवश्यकता होती है।
निष्कर्ष:
जल ही जीवन है। जितनी तेजी से जल प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से इसके प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ रहे हैं। हमें जागरूक होना होगा और जल प्रदूषण को कम करने के लिए कदम उठाने होंगे। जल प्रदूषण से पृथ्वी को बचाने में योगदान देना प्रत्येक नागरिक का दायित्व है।